Wednesday 23 August 2017

हम तो जाने वाले थे !

हम तो जाने वाले थे पर्व पर
खुद के ही उत्सर्ग पर
पर न जाने कहाँ  खो गए
इस तरह हम बेगाने हो गए
हम तो जाने वाले थे उस माटी में
उस सुंदर सुनहरी सौम्य घाटी में
 पर  अचानक आग उठी सब जल गया
वो जन्नत अब राख़ में बदल गया
कितना सुनहरा था घर मेरा
खुश था मुझ पे गर्व कर
खुद के ही उत्सर्ग पर


#thoughtful_anil

Monday 14 August 2017

अज़नबी राहें

अज़नबी हो गई ,
राहें  हमारी ,
कल  तक साथ थे !
बेवजह ही सही
हाथों में हाथ थे...
अब क्या हुआ जो अलहदा हो गए !
बिन बुलाये ही दिल ग़मज़दा हो गए !
कुछ  लब न कहें तो ;
ख़ामोशी का अम्बार लगा देना ,
सोया हुआ संसार जगा  देना ,
बहाव तेज़ होता जा रहा है, 
सब बहता जा रहा है !!
ख्वाब कुछ आधे अधूरे,
तेरे बिन होंगे न पूरे,
तुझको तो आना पड़ेगा
यूँ समझ न ज़िंदगी को
ख़ाली बाँहों में हमारी  ...
अजनबी हो गई ,
राहें हमारी !! बाँहें हमारी !!


#thoughtful_anil

#हां_कंश_मैं...

#हां_कंश_मैं.. मैं तुच्छ मैं स्वार्थी मैं घृणापात्र मरघट की राख़ मैं नफ़रत की आंख मैं चोर मैं पापी अघोर मैं लोभी मैं कामी मैं चरित्...