Tuesday 11 September 2018

खुश होना आसान है !

खुश होने की वजहें , यदि हम खोजें तो कहीं मिल सकती है। बस आपके पास नजर होनी चाहिए। जिससे आप अपने आसपास व्याप्त खुशियों को अपने अंदर समाहित कर सकें इंसान दूसरों की खुशियों में खुश होना सीख ले तो संसार का कोई भी गम उसे दुखी नहीं कर सकता यह एक सार्वभौमिक सत्य है । दरअसल , खुश होना इतना भी कठिन नहीं है । जितना हमारी आधुनिकता भरी जिंदगी ने उसको कठिन और जटिल बना दिया है। हम मटेरियलिस्टिक वर्ल्ड में इतना खो चुके हैं कि हमें ना खुद का ख्याल है ना ही खुद के अंदर व्याप्त संवेदनाओं, भावनाओं और भावों को संजोने की फुर्सत है। हम बस भागे जा रहे हैं। ऐसी दौड़ में जिसका ना कोई अंत है ,ना कोई मंजिल और इस अंधी दौड़ में हम खुशियों की बात कहां से करें ? यही कारण है कि वर्तमान में समृद्धि , प्रसिद्धि ,सफलता पा पाने के बावजूद भी इंसान खुद को अकेला महसूस करता है। यही उसका अकेलापन उसके लिए कई बार घातक सिद्ध होता है। हम शिक्षा प्राप्त करते हैं और एक ही दौड़ में भाग जाते हैं। वह है- पैसे की दौड़ , सफलता की दौड़ ,जॉब की दौड़ ,करियर की दौड़ और ना जाने कितनी आशाओं की दौड़ ; जो एक बार पूरी होती हैं तो दूसरी नई पनप जाती है। इस तरह न ये दौड़ खत्म होती है और न हमारा भागना रुकता है। भागने में हम खुश होना भूल जाते हैं। जिंदगी को जिंदादिली के साथ जीना भूल जाते हैं । हर पल को यदि हम जी नहीं सकते तो दुनिया की कोई भी शक्ति हमको खुश नहीं कर सकती और इस तरह हम परम दुखी रहेंगे । इसीलिए आपसे बस इतना कहना है कि पलों को जीना सीखें । बेफिक्र होना सीखें। अल्हड़ होना सीखें । शरारतें करना सीखें । हंसना सीखें। ठहाके लगाना सीखें। मुस्कुराना सीखें। जब आप यह सब सीख जाएंगे तो आपको खुश होने से कोई नहीं रोक सकता।
इसीलिए मुस्कुराइए! खुश रहिए !! जिंदादिल रहिए !!!
धन्यवाद !!
#thoughtful_anil©
#daily_dairy_02
#be_happy

2 comments:

#हां_कंश_मैं...

#हां_कंश_मैं.. मैं तुच्छ मैं स्वार्थी मैं घृणापात्र मरघट की राख़ मैं नफ़रत की आंख मैं चोर मैं पापी अघोर मैं लोभी मैं कामी मैं चरित्...