#सुंदरता..
ईश्वर की बनाई हुई संपूर्ण सृष्टि में सुंदरता व्याप्त है। सुंदरता है क्या ? यदि हम बात को समझ जाएं , तब हम हर वस्तु और व्यक्ति में छिपी हुई सुंदरता को पहचान सकते हैं। सुंदरता को पहचानने के बाद हमें कोई भी इंसान, कोई भी वस्तु बुरी या बेकार नहीं लगेगी। किसी ने कहा है की सुंदरता देखने वालों की आंखों में पाई जाती है। यह सत्य है। यदि आपके पास देखने का सही दृष्टिकोण और पारखी नजर हो तो आप हर वस्तु , हर व्यक्तित्व में निहित सुंदर पक्ष को समझ सकते हैं। यह तभी संभव हो सकता है जब आप उस व्यक्ति का आंकलन अवधारणाओं से ग्रस्त होकर न करें।
सुंदरता सिर्फ भौतिक तत्व ही नहीं है। यह एक सार्वभौमिक ब्रह्म तत्व है। दुनिया को बदसूरत दिखने वाला इंसान एक बेहतरीन और खूबसूरत चरित्र का स्वामी हो सकता है। और चेहरे से चमकने वाला इंसान अंदर से कालिख भरा हो सकता है। पता है हर मां को अपना बच्चा सुंदर क्यों लगता है ? क्योंकि वह मां अपने बच्चे को कभी रूखी नजरों से नहीं देखती , उसकी नजरों में ममता, दुलार और प्यार भरा होता है। इसीलिए उसको अपना बच्चा हमेशा प्यारा ही नजर आता है। कभी महसूस किया है कि जो आपको बहुत खूबसूरत लगता है हो सकता है वही व्यक्ति आपके मित्रों को खूबसूरत न लगे। पता है क्यों क्योंकि आप उसको जिस नजर से देखते हैं। उस नजर से आपके मित्र उसको नहीं देख पाते।
कुल मिलाकर खूबसूरती का खेल बस इतना सा है कि आप अपनी आंखों में मोहब्बत को घोलिए । प्यार भरी नजरों से देखिए आपको सब कुछ कितना प्यारा नजर आएगा। और इस एहसास को मैं शब्द नहीं दे सकता।
इसीलिए नजरों में प्यार भरिए !!
मुस्कुराइए !!
जय हिन्द !!
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#date_15_09_2018
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