Monday 24 April 2017

बदलना होगा…………


सल्तनत बदले तो ठीक है …
राह पे ,
गुनाह पे ,
मेरी आह पे ,
तुम्हारे हमले तो ठीक है…
लेकिन सल्तनत बदले तो ठीक है …
कुछ रंगों को पानी तो दो ,
फूल को रवानी तो दो ,
पत्ती पे कहानी तो दो ,
ये फूल के गमले तो ठीक है …
लेकिन तुम्ही बताओ सल्तनत बदले तो ठीक है…
बदलना होगा ,
पिघलना होगा ,
आखिर तक चलना होगा…
लेकिन कदम आखिर तक सम्हलें तो ठीक है …
अब तो सल्तनत बदले तो ठीक है…||


#thoughtful_anil
created on 22-04-2017

No comments:

Post a Comment

#हां_कंश_मैं...

#हां_कंश_मैं.. मैं तुच्छ मैं स्वार्थी मैं घृणापात्र मरघट की राख़ मैं नफ़रत की आंख मैं चोर मैं पापी अघोर मैं लोभी मैं कामी मैं चरित्...