कि सब हों साथ तो क्या बात हो ।।
फिर रब हो साथ तो क्या बात हो ।।
और ख़ुशी मिले ग़म मिले या कि कोई मौसम ही हो,
आप तब हों साथ तो क्या बात हो ।।
#हां_कंश_मैं.. मैं तुच्छ मैं स्वार्थी मैं घृणापात्र मरघट की राख़ मैं नफ़रत की आंख मैं चोर मैं पापी अघोर मैं लोभी मैं कामी मैं चरित्...
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