आँसू मेरे मुझसे हैं चुप ,
होंठों को कोई शिकवा नहीं ।।
तुम ग़र सुनो या न सुनो ,
ग़म ये मेरा फ़तवा नहीं ।।
ज़िंदा हूँ मैं , मायूस सा ,
या फिर कहूँ कि ज़िंदा नहीं ।।
पर हैं कटे ,यूँ अटपटे
पंखों के बिन मैं परिंदा नहीं ।।
मुझको तबाह करके यहाँ ,
गये हो कहाँ जाने जहाँ ।।
पत्तों की खड़खड़ दिल में चुभे ,
काटे ये मुझको दिलकश समां ।।
राहें मेरी खो सी गईं ,
रहबर मेरा है मुझसे जुदा ||
खुद से लड़ूँ तन्हा कभी
होकर खफा कभी तुझसे खुदा ।।
#thoughtful_anil
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