Tuesday 11 September 2018
नास्तिक-आस्तिक !
हां हां यह सही है की मैं नास्तिक नहीं हूं लेकिन यह भी उतना ही सही है कि मैं वर्तमान धार्मिक विडंबनाओं , और आस्तिकता के लिबास में लिपटी हुई मरी हुई आस्थाओं के अवशेषों का पुजारी भी नहीं हूं । मैं ईश्वर को मानता हूं। उस परम शक्ति को मानता हूं। उस ब्रह्म को मानता हूं। उस प्राकृतिक शक्ति को सर्वोपरि मानता हूं। लेकिन उसके विभिन्न रूप जो कि वर्तमान में अपनी कुरूपता की सीमाओं को भी पार कर चुके हैं उनको मैं नहीं मानता । वर्तमान में सभी धर्मों में विकृतता ने अपनी जगह बहुत गहरी बना ली है। वर्तमान परिस्थितियों में हम राम को ईश्वर, मोहम्मद को अल्लाह, जीसस को गॉड मान बैठे हैं जबकि यह सब ईश्वर नहीं है । परम शक्ति नहीं है राम ईश्वर का अवतार हैं, मोहम्मद अल्लाह के क्या रे बंदे हैं, जीसस गॉड के पुत्र हैं। ईश्वर गॉड अल्लाह यह सब उस परम शक्ति के ही समानांतर नाम बस हैं । हम अंधे लोग यही समझने में नाकामयाब हो जाते हैं। प्राकृतिक परम शक्ति को ईश्वर मानना सही है क्योंकि यही वह शक्ति है जो सर्वव्यापी है जो कण-कण में व्याप्त है जो हर इंसान में व्याप्त है इसीलिए अल्लाह काफिरों में भी उतना ही व्याप्त है जितना कि किसी नेक बंदे में। इसीलिए जो लोग धर्म रक्षा के नाम पर, ईश्वर के नाम पर सड़कों पर निकलते हैं, मुझे उनकी मासूमियत पर तरस आता है। क्योंकि जो कण कण में व्याप्त है उसकी रक्षा यह लोग करेंगे ?? जो स्वयं संहारक है उसको रक्षक की जरूरत क्यों होने लगी ?? इसीलिए मैं इन तमाम रूपों को ना मानकर सिर्फ एक परम शक्ति को ही मानता हूं।
इसीलिए प्रथम दृष्टया , मैं आपको नास्तिक ही प्रतीत होऊंगा ।
#thoughtful_anil©
#daily_dairy_01
#date_ 10_09_2018
#it's_me
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
#हां_कंश_मैं...
#हां_कंश_मैं.. मैं तुच्छ मैं स्वार्थी मैं घृणापात्र मरघट की राख़ मैं नफ़रत की आंख मैं चोर मैं पापी अघोर मैं लोभी मैं कामी मैं चरित्...
-
# यह तीन शब्द काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़े हर व्यक्ति ने सुने होंगे। और इन तीनों के आपसी संबंध को भी समझता होगा। लेकिन इन तीन शब्दों ...
-
चलो चलते हैं चलो चलते हैं | इस धरा के काले बादल को , चलो पैरों से कुचलते हैं | चलो… || कदम कदम बढ़ाने से , तय लम्बे रास्ते होते हैं |...
-
कि सब हों साथ तो क्या बात हो ।। फिर रब हो साथ तो क्या बात हो ।। और ख़ुशी मिले ग़म मिले या कि कोई मौसम ही हो, आप तब हों साथ तो क्या ...
����
ReplyDeleteNice Bhaiya ����
Bahut Bdiya h
ReplyDelete